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युधिष्ठर देवड़ा : सेंड स्टोन आर्ट वर्क के सरताज

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जोधपुर। जोधपुर को पत्थरों का शहर कहा जाता है और यहां से निकलने वाला छीतर का पत्थर या सेंड स्टोन अपनी एक अलग ही पहचान लिए हुए है। वर्षों से जोधपुर में छीतर का पत्थर निकल रहा है, लेकिन जोधपुर के छीतर के पत्थर को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली जोधपुर स्टोन पार्क से। मंडोर नौ मील स्थित जोधपुर स्टोन पार्क से व्यवस्थित तरीके से पत्थर निकालकर, पत्थर की कटिंग, डिजाइनिंग, फिनिशिंग आदि की जा रही है, जो देश-विदेश में जोधपुर की शान बढ़ा रहा है। यह ‘सेंड स्टोन’ जोधपुर की खदानों से निकला कुदरत का नायाब करिश्मा है। राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर सहित देश की सैकड़ों इमारतें इस करिश्मे की बानगी है। पहले जहां इस पत्थर का उपयोग केवल भवन निर्माण में किया जाता था, वहीं अब इससे बनने वाली बेमिसाल कलाकृतियों ने वैश्विक फलक पर जोधपुर का इकबाल बुलंद किया है। जोधपुर सेंड स्टोन पार्क के अध्यक्ष युधिष्ठर देवड़ा ने राजस्थान हाईकोर्ट भवन जोधपुर, एफडीडीआई, एम्स सहित कई इमारतों व विभिन्न कलाकृतियों के निर्माण में जोधपुरी सेंड स्टोन का उपयोग इतनी खूबसूरती से किया कि हर त

डॉ. जोगेन्द्र सिंह : शिक्षा के साथ फिल्म, खेल और समाजसेवा में भी सक्रिय

जयपुर। राजस्थान के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संस्थापक डॉ. जोगेन्द्र सिंह शिक्षा के साथ फिल्म, खेल और समाजसेवा में भी सक्रिय हैं। खेल व शिक्षा के क्षेत्र में परचम फहराने वाले डॉ. जोगेन्द्र सिंह फिल्म निर्माता और बिजनेस टाइकून भी हैं। डॉ. जोगेन्द्र सिंह का जन्म 1 नवंबर 1969 को रोहतक (हरियाणा) में हुआ। उन्होंने जाट कॉलेज, रोहतक से स्नातक की पढ़ाई की और बाद में उन्होंने पीएचडी की। देश भगत विश्वविद्यालय से खेल विज्ञान में अनुसंधान में डी.लिट प्राप्त की। उनके पिता ओम प्रकाश दलाल और मां कृष्णा देवी दोनों ही सरकारी स्कूल में शिक्षक रहे हैं। उनके दादाजी स्व. सांवलिया रामजी द्वारा वर्ष 1922 में चिड़ गाम (रोहतक) में स्थापित की गई स्कूल को पिता श्री ओम प्रकाश जी की सलाह पर आगे बढ़ाया जिसे अब चौथी पीढ़ी के रूप में भावेश कुमार शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत से वर्ष 1999 में रोहतक में इंडियन पब्लिक स्कूल की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2013 में राजस्थान के चूरू जिले में ओम प्रकाश जोगेन्द्र सिंह

नवरतन कोठारी : दृढ़ निश्चयी, विनम्र और परोपकारी

जयपुर। नवरतन कोठारी अपने अनुभव और ज्ञान के साथ 1960 के दशक से केजीके समूह का नेतृत्व कर रहे हैं। एक समृद्ध वंश के साथ रत्न और आभूषण व्यवसाय उन्हें विरासत में मिला, वहीं उन्होंने इसे ऊंचाइयों तक पहुंचाने की चुनौती के तौर पर लिया और अपने प्रसिद्ध उपनाम के अलावा सब कुछ पीछे छोड़ते हुए चेन्नई में अपना पहला व्यावसायिक उद्योग शुरू किया। इसके बाद समूह का तेजी से विकास हुआ। केजीके समूह रत्नों के खनन और निर्माण के साथ ही हीरे की सोर्सिंग एवं निर्माण, ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग और रियल एस्टेट का एक बहुराष्ट्रीय निगम है। इस समूह की मुख्य प्रेरक शक्ति नवरतन कोठारी रहे हैं। इनका वर्षों का व्यापार अनुभव और कौशल दुनियाभर में केजीके समूह को प्रेरणा देने का काम करता है। कोठारी कैंसर को लेकर राजस्थान के एकमात्र सुपर स्पेशियलिटी भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा वे वर्ष 1993 से सुबोध शिक्षा समिति के अध्यक्ष के तौर पर भी कार्य कर रहे हैं। यह संस्थान सालाना 33 हजार से अधिक विद्यार्थियों को प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों तक शिक्षा प्रदान करने का उत्कृ

गुरविंदर सिंह सेहमी (काके भाई) : पिता के लेथ मशीन के एक छोटे वर्कशॉप से साम्राज्य खड़ा कर लिया

विश्व मानचित्र पर अजमेर का नाम किया रोशन, मशीन के एक छोटे वर्कशॉप से ग्रेनाइट कटर के विश्व के सबसे इनोवेटिव कारोबारी बनने तक का सफर, कई लोगों को दे रहे हैं रोजगार जयपुर। सरलता और सहजता हमेशा आविष्कारक सोच विकसित करती है। कर्म मशीन टूल्स प्रा. लिमिटेड (केएमटी) के चेयरमैन तथा ग्रेनाइट कटर के सुप्रसिद्ध कारोबारी गुरविंदर सिंह सेहमी की इसी सोच से उनका कारोबार आसमान की ऊंचाइयां छू रहा है। गुरविंदर वो शख्स हैं जिन्होंने अपने पिता के लेथ मशीन के एक छोटे वर्कशॉप से अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया। अपनी क्षमताओं का अधिकतम विस्तार करने की सोच रखने वाले गुरविंदर के दोनों पुत्र कर्मजीत और अजीत कारोबार की कसौटी पर खरा सोना साबित हो रहे हैं। जैसे संस्कार गुरविंदर को उनके पिता से विरासत में मिले, वैसे ही संस्कार दोनों पुत्रों में है। जरूरतमंदों की मदद के लिए यह परिवार हमेशा तत्पर रहता है। गुरविंदर सिंह अमृतसर के गुरदासपुर स्थित फतेहगढ़ चूडिय़ा के मूल निवासी प्यारा सिंह सेहमी के छह पुत्रों में से सबसे छोटे पुत्र हैं। पिता रेलवे कर्मचारी थे और पाकिस्तान के लाहौर जिले में पदस्थ थे। 1947 के बाद पिता को अजमे

GD Badaya Hospital : Best in Multispeciality Treatment

Jaipur. GD Badaya Hospital brings the best in multispeciality treatment to the state of Rajasthan with capacity of 250 bedded hospital has state-of-the-art technology focusing on the specialties like Cardiology, Cardiac Surgery, Neurology, Neuro Surgery, Orthopaedic & Joint Replacement, Spine Surgery, Nephrology, Paediatrics, Gynaecology, Critical Care, Urology, Pulmonology, Gastroenterology, Diabetes and Endocrinology and many more. Badaya Hospital is committed to providing comprehensive wellness across specialties. This accreditation is a testimony to Badaya Hospital’s constant endeavor to provide world-class patient care and maintain the highest standards in healthcare delivery. Mission to redefine healthcare by improving outcomes and experience of patients through cutting edge research and personalized clinical care including innovative, preventive, diagnostic, therapeutic and rehabilitation services. Contact Details :- Address : Ajmer-Jaipur Exp., Near Balaji Temple, Gagal, A

Jayoti Vidyapeeth Women's University : Dynamic and Interdisciplinary Learning Environment

Jaipur. JAYOTI VIDYAPEETH WOMEN’S UNIVERSITY…”JV” Founded in 2008. “JV” is vibrant, research led, Women University recognized for its creative and entrepreneurial spirit made up of a diverse group of students with different cultures, religions, ethnicities and ideas. Here, tradition and innovation blend seamlessly to provide students a perfect & safe atmosphere to live and study. A NAAC Accredited Women’s University having top class Academics leading to deliver a dynamic and interdisciplinary learning environment, JV provides an ideal foundation for your personal and professional development The Jayoti Vidyapeeth Women’s University, Jaipur has been established and incorporated under the Act 17 of 2008 passed by Rajasthan State Legislature and notified by the Government of Rajasthan through its official Gazette Notification No. F.2 (23) Vidhi /2/2008 dated April 21, 2008. Academic Fast Facts Technology Enabled Lecture Theatres Enabled with high speed internet connectivity, a new wo

LIET-Laxmi Devi Institute of Engineering and Technology : Celebrating 20 Years of Excellence

Jaipur. Laxmi Devi Institute of Engineering and Technology (LIET)is run by Marut Nandan Educational Society since 2001. The Institute is affiliated to Bikaner Technical University and approved by AICTE, Govt. of India. It is situated on Delhi-Alwar State Highway and is about 15 Kms. towards Delhi from Alwar and 120 Kms. from IGI Airport, Doula Kuan, Delhi. It is easily approachable by rail and road. It is spread over an area of 35 acres of land with a well-planned layout. The main aim of the institute is to promote academic growth by offering Diploma, Undergraduate and Postgraduate programs in Engineering and Management. The academic program reflects the Institute’s commitment to stay in tune with the expanding frontiers of knowledge worldwide. The onward drive earned the Institute the coveted Best Engineering College Alwar & Rajasthan. Best Academic Result and placement record since starting is the result of our continuous efforts of approaching Excellency, which has made us the B